मधेशएक्सप्रेश सम्वाददाता । सिरहा । असार ११
गईदेहरादून ः उत्तराखंड को पहाडी इलाकांमा बीतेको चौबीस घंटादेखि लगातार बार्ष पछाडी खोलाको पानी उछलेका छन् । खोलाको आसपासको अधिकांश इलाकाको घघरमा पानी समेत पसेको छ । उत्तरकाशीमा पनि भागीरथी खोला उछिलिएका छन् । त्यहि बद्रीनाथको वाटोमा पनि अधिकाशं ठाउको नेशनल हाइवे छड भाचिएको छ । एहतियातन चार धाम यात्राके समेत रोकलगाईएको छ । त्याहाँको केदारनाथ जानेवाटोको सोनप्रयाग र गौरीकुंडको विचमा रहेको मंदाकिनी नदीमा वनेको महत्वपूर्ण पुल भारी बर्षले वगिएको कारण हेमकुन्डवाट ४३००० सय , केदारनाथ वाटोवाट १२०० , वद्रीनाथवाट ७००० हजार , गंगोत्री मार्गवाट ३०० , गंगोत्री सुखा मार्गमा ६०० लगायताको स्थानवाट १४ हजार यात्रीहरु घेरिएका छन् ।
रद्रप्रयाग जिल्लाको मजिस्ट्रेट राघव लैंगरवतेलैनकि मूसलाधार बार्षको कराण मंदाकिनी नदीको पानिवाहीर निकलेका छन् । केदारनाथ मंदिर जानेवाटोको लागी सोनप्रयाग र गौरीकुंड को बीच सवारी को आवाजाही को लागी वनेको पुल वगिएको हो । भारी बारिश के बाद उत्तर भारत के कई इलाकों में हालात बेहद खराब हो गए हैं। उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा पर आए करीब ज्ञघ हजार लोग अलग(अलग जगहों पर फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड में आधा दर्जन से ज्यादा पुल सैलाब में बह गए और कई अहम रास्ते बंद हो गए हैं। हालात एक बार फिर द्दण्ज्ञघ जैसी आपदा को याद दिलाने वाले हैं।
इस बार हेमकुंड साहिब की यात्रा पर भी मॉनसून की मार पड़ी है। गोविंद घाट में लगातार मूसलाधार बारिश से हालात बेहद खराब हो गए हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा करके ऋषिकेश के हेमकुंड गुरुद्वारे पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि हालात को देखते हुए गोविंद घाट स्थित गुरुद्वारे को खाली करा दिया गया है। लोगों को सुरक्षित और सतर्क रहने की घोषणा की जा रही है।
श्रद्धालुओं की मानें, तो हेमकुंड साहिब में हजारों लोग फंसे हुए हैं। खराब मौसम के चलते ऋषिकेश गुरुद्वारे का हेमकुंड साहिब से संचार संपर्क भी टूट गया है। बिगड़े मौसम के देखते हुए हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाली संगतों को ऋषिकेश गुरुद्वारे में ही रोक दिया गया है।
श्रद्धालुओं के मुताबिक, ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब तक पूरे रास्ते में तेज बारिश हो रही है। जगह(जगह जमीन खिसकने से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे आवाजाही मुश्किल हो चुकी है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में भी हालात बिगड़े
हालात तो ऋषिकेश और हरिद्वार में भी बिगड़ रहे हैं। मूसलाधार बारिश के चलते ऋषिकेश(हरिद्वार चीला मार्ग पर बीन नदी में बरसाती पानी के आने से हरिद्वार जा रही कई गाड़ियां पानी में फंस गईं, जिन्हें घंटों की मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। हरिद्वार(ऋषिकेश हाइवे पर जब ट्रैफिक बढ़ जाता है, तो चीला रूट से ही गाड़ियों की आवाजाही होती है। लेकिन भारी बारिश के बाद यहां की हालत भी खराब है।
उत्तराखंड की बरसाती नदियों में उफान
भीषण बारिश के चलते उत्तराखंड की बरसाती नदियों में काफी पानी आ गया है, जिस कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नदी में पानी के बहाव का अनुमान नहीं होने से सैलानियों की गाड़ियां नदी में फंस जाती हैं। गांव के लोग सरकार से कई बार बीन नदी पर पुल की मांग कर चुके हैं।
टिहरी में जल प्रलय का खतरा
भारी बारिश के चलते हालात टिहरी में भी बिगड़ रहे हैं। यहां भीलांगना नदी जबरदस्त तरीके से उफान पर है। अगर बरसात की रफ्तार और तेज हुई, तो यह नदी आसपास के इलाकों पर कहर ढा सकती है। लिहाजा लोगों के लिए सतर्क रहने और समय रहते सुरक्षित जगहों पर जाने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
देश के अन्य इलाके भी बारिश से बेहाल
गुजरात में भी बाढ़ का कहर बरकरार है। प्रशासन ने करीब ज्ञघ हजार लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला है। वहीं अभी भी ज्ञ दर्जन से शहर बाढ़ की चपेट में हैं। अरब सागर से उठे मानसून ने पूरे इलाके में भारी बारिश की है, जिसके बाद हालात बेकाबू हुए।
जम्मू(कश्मीर में खतरे की घंटी
सितंबर द्दण्ज्ञद्ध में श्रीनगर में आए बाढ़ की तस्वीरें अभी भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। अब हाल यह है कि जब भी तेज बारिश होती है, श्रीनगर में झेलम का पानी घुसने का खतरा बन जाता है। अभी द्धड घंटे तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
भारी के बारिश के कारण जम्मू(कश्मीर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है। झेलम खतरे के निशान के आस(पास बह रही है। अनंतनाग में बारिश के कारण गिरी दीवार के मलबे में दबने से एक शख्स की मौत हो गई है। रामसू में भूस्खलन के कारण जम्मू(श्रीनगर हाइवे बंद कर दिया गया है। हालांकि जम्मू(कश्मीर प्रशासन का कहना है कि बाढ़ का खतरा लगभग टल गया है।
गईदेहरादून ः उत्तराखंड को पहाडी इलाकांमा बीतेको चौबीस घंटादेखि लगातार बार्ष पछाडी खोलाको पानी उछलेका छन् । खोलाको आसपासको अधिकांश इलाकाको घघरमा पानी समेत पसेको छ । उत्तरकाशीमा पनि भागीरथी खोला उछिलिएका छन् । त्यहि बद्रीनाथको वाटोमा पनि अधिकाशं ठाउको नेशनल हाइवे छड भाचिएको छ । एहतियातन चार धाम यात्राके समेत रोकलगाईएको छ । त्याहाँको केदारनाथ जानेवाटोको सोनप्रयाग र गौरीकुंडको विचमा रहेको मंदाकिनी नदीमा वनेको महत्वपूर्ण पुल भारी बर्षले वगिएको कारण हेमकुन्डवाट ४३००० सय , केदारनाथ वाटोवाट १२०० , वद्रीनाथवाट ७००० हजार , गंगोत्री मार्गवाट ३०० , गंगोत्री सुखा मार्गमा ६०० लगायताको स्थानवाट १४ हजार यात्रीहरु घेरिएका छन् ।
रद्रप्रयाग जिल्लाको मजिस्ट्रेट राघव लैंगरवतेलैनकि मूसलाधार बार्षको कराण मंदाकिनी नदीको पानिवाहीर निकलेका छन् । केदारनाथ मंदिर जानेवाटोको लागी सोनप्रयाग र गौरीकुंड को बीच सवारी को आवाजाही को लागी वनेको पुल वगिएको हो । भारी बारिश के बाद उत्तर भारत के कई इलाकों में हालात बेहद खराब हो गए हैं। उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा पर आए करीब ज्ञघ हजार लोग अलग(अलग जगहों पर फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड में आधा दर्जन से ज्यादा पुल सैलाब में बह गए और कई अहम रास्ते बंद हो गए हैं। हालात एक बार फिर द्दण्ज्ञघ जैसी आपदा को याद दिलाने वाले हैं।
aajtak.in [Edited by: दीपिका शर्मा] | नई दिल्ली, 26 जून 2015 | अपडेटेड : 13:48 IST
श्रद्धालुओं की मानें, तो हेमकुंड साहिब में हजारों लोग फंसे हुए हैं। खराब मौसम के चलते ऋषिकेश गुरुद्वारे का हेमकुंड साहिब से संचार संपर्क भी टूट गया है। बिगड़े मौसम के देखते हुए हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाली संगतों को ऋषिकेश गुरुद्वारे में ही रोक दिया गया है।
श्रद्धालुओं के मुताबिक, ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब तक पूरे रास्ते में तेज बारिश हो रही है। जगह(जगह जमीन खिसकने से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे आवाजाही मुश्किल हो चुकी है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में भी हालात बिगड़े
हालात तो ऋषिकेश और हरिद्वार में भी बिगड़ रहे हैं। मूसलाधार बारिश के चलते ऋषिकेश(हरिद्वार चीला मार्ग पर बीन नदी में बरसाती पानी के आने से हरिद्वार जा रही कई गाड़ियां पानी में फंस गईं, जिन्हें घंटों की मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। हरिद्वार(ऋषिकेश हाइवे पर जब ट्रैफिक बढ़ जाता है, तो चीला रूट से ही गाड़ियों की आवाजाही होती है। लेकिन भारी बारिश के बाद यहां की हालत भी खराब है।
उत्तराखंड की बरसाती नदियों में उफान
भीषण बारिश के चलते उत्तराखंड की बरसाती नदियों में काफी पानी आ गया है, जिस कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नदी में पानी के बहाव का अनुमान नहीं होने से सैलानियों की गाड़ियां नदी में फंस जाती हैं। गांव के लोग सरकार से कई बार बीन नदी पर पुल की मांग कर चुके हैं।
टिहरी में जल प्रलय का खतरा
भारी बारिश के चलते हालात टिहरी में भी बिगड़ रहे हैं। यहां भीलांगना नदी जबरदस्त तरीके से उफान पर है। अगर बरसात की रफ्तार और तेज हुई, तो यह नदी आसपास के इलाकों पर कहर ढा सकती है। लिहाजा लोगों के लिए सतर्क रहने और समय रहते सुरक्षित जगहों पर जाने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
देश के अन्य इलाके भी बारिश से बेहाल
गुजरात में भी बाढ़ का कहर बरकरार है। प्रशासन ने करीब ज्ञघ हजार लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला है। वहीं अभी भी ज्ञ दर्जन से शहर बाढ़ की चपेट में हैं। अरब सागर से उठे मानसून ने पूरे इलाके में भारी बारिश की है, जिसके बाद हालात बेकाबू हुए।
जम्मू(कश्मीर में खतरे की घंटी
सितंबर द्दण्ज्ञद्ध में श्रीनगर में आए बाढ़ की तस्वीरें अभी भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। अब हाल यह है कि जब भी तेज बारिश होती है, श्रीनगर में झेलम का पानी घुसने का खतरा बन जाता है। अभी द्धड घंटे तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
भारी के बारिश के कारण जम्मू(कश्मीर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है। झेलम खतरे के निशान के आस(पास बह रही है। अनंतनाग में बारिश के कारण गिरी दीवार के मलबे में दबने से एक शख्स की मौत हो गई है। रामसू में भूस्खलन के कारण जम्मू(श्रीनगर हाइवे बंद कर दिया गया है। हालांकि जम्मू(कश्मीर प्रशासन का कहना है कि बाढ़ का खतरा लगभग टल गया है।
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